संत कबीर नगर - पूरे प्रदेश में पारदर्शिता, सहभागिता एवं जवाबदेही के तहत चल रहे सामाजिक अंकेक्षण में ऑडिट टीम के साथ मनरेगा से संबंधित कर्मचारी जिसमें सचिव, टीए एवं रोजगार सेवक की शत-प्रतिशत उपस्थित होने के साथ - साथ ऑडिट टीम को 15 दिन पूर्व सभी अभिलेख उपलब्ध कराना तथा मनरेगा के तहत हुए विकास कार्यों की परियोजनाओं पर भौतिक सत्यापन के दौरान सोशल आडिट टीम का सहयोग करना सोशल ऑडिट के मूल उद्देश्यों में शामिल हैं ।बावजूद संत कबीर नगर जिले में चल रहे सोशल ऑडिट से सचिव एवं टीए दूरी बनाए हुए हैं । उच्चाधिकारियों के बार-बार आदेशों-निर्देशों के बावजूद भी सचिव एवं तकनीकी सहायक द्वारा सोशल ऑडिट टीम का न तो सहयोग किया जा रहा है और न समय से कोई भी अभिलेख उपलब्ध कराया जा रहा है । सचिव एवं टीए के घोर लापरवाही के चलते सोशल ऑडिट की विश्वसनीयता खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है । मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला विकास अधिकारी सुरेश चंद्र केसरवानी ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा है कि सोशल ऑडिट में अनुपस्थित सचिव एवं टीए के बारे संबंधित ब्लॉक के बीडीओ को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा तथा दुबारा ऐसी पुनरावृत्ति पाई गई तो सचिव पद दंडात्मक कार्यवाही करते हुए टीए का अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही की जाएगी ।