संत कबीर नगर (सेमरियावां)- परियोजनाओं के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन में जहां अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित होती है । वहीं वित्तीय अनियमितता/भ्रष्टाचार के रोकथाम के साथ दो दिनों तक भौतिक सत्यापन कर पारदर्शिता, सहभागिता एवं जवाबदेही के क्रम में ग्रामीणों के साथ खुली बैठक करना सोशल आडिट टीम की नैतिक जिम्मेदारी है । लेकिन विकास खंड सेमरियावां के ग्राम पंचायत सोनौरा गौसी में सोशल आडिट टीम द्वारा ऑडिट के मूल उद्देश्यों को ताक पर रखकर ऑडिट किया गया । उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लगभग सात लाख के व्यय राशि में सृजित 5658 मानव दिवस के साथ पांच परियोजनाओं के ऑडिट में एक खड़ंजा, दो इंटरलॉकिंग, एक पटरी पर मिट्टी पटाई कार्य एवं एक चकरोट पर मिट्टी पटाई कार्य का मानक के अनुरूप भौतिक सत्यापन नहीं किया गया। जबकी प्रक्रिया उल्लंघन के साथ सीआईबी बोर्ड का किसी भी परियोजना स्थल पर नामोनिशान नहीं मिला । वहीं सक्रिय 125 मनरेगा मजदूरों के रोजगार के क्रम में सृजित 5658 मानव दिवस के दृष्टिगत देखा जाए तो श्रमिकों का पूर्णतः सत्यापन नहीं किया गया जो कहीं न कहीं श्रमिकों के नाम पर चल रही धांधलेबाजी को दबाने की पुरजोर कोशिश नजर आ रही है। मानक के अनुरूप भौतिक सत्यापन में सचिव एवं टीए द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया । जो परियोजनाओं के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन में मानक विहिन होने की ओर इशारा करता है । वही सोशल ऑडिट बैठक में टीए एवं सचिव अनुपस्थित रहे । अगर इसी तरह टीए एवं सचिव का सोशल ऑडिट के प्रति उदासीनता कायम रही तो सरकार की मंशा को खत्म होते देर नहीं लगेगी ।
सोशल ऑडिट के विश्वसनीयता को नगण्य कर रहे अधिकारी !भौतिक सत्यापन से क्यों दूर भाग रहे टीए एवं सचिव ?
byAkhand News Express
-
0