सन्त कबीर नगर { मेहदावल } - पारदर्शिता , सहभागिता एवं जवाबदेही के मूल उद्देश्य एवं अनियमितता के रोकथाम मे योजनाओं के शत - प्रतिशत क्रियान्वयन में सोशल आडिट पर भ्रष्टाचार जैसा कृत्य प्रभावशाली होता नजर आ रहा है । बिना पूर्णत: अभिलेख के जहां आडिट किया जा रहा है वहीं छूट-पुट परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन कर सोशल आडिट का वारा - न्यारा कर दिया जा रहा है । जिससे कहीं न कहीं परियोजनाओं मे पनप रहे भ्रष्टाचार को छुपाने का काम किया जा रहा है । यदि सोशल आडिट के मूल उद्देश्य के तहत देखा जाए तो 8 से 10 लाख के रिकवरी मे भ्रष्टाचार का मामला पाया जा सकता है !
उल्लेखनीय है कि विकास खण्ड मेहदावल के ग्राम पंचायत नावध एवं नारायनपुर मे सोशल आडिट का कागजी कोरम पूरा किया गया । सोशल आडिट टीम के मुताबिक 1089 आबादी वाले ग्राम पंचायत नावध मे पंजीकृत 700 श्रमिकों के सापेक्ष 499 सक्रिय मनरेगा मजदूरों मे 21273 मानव दिवस का सृजन करते हुए 69 लाख 37 हजार 982 सौ रूपये की व्यय राशि मे 84 परियोजनाओं का आडिट किया गया । जिसमे 4 इण्टरलांकिग { रमेश के घर से ब्रह्म देव के घर तक 100 मीटर , सत्यवती के खेत से सुकलाल के घर तक 100 मीटर , पक्की सड़क से राम रूप के घर तक 100 मीटर , पक्की सड़क से बहादुर के घर तक 100 मीटर } के साथ रम्पत के घर से चन्द्रभान के घर तक पक्की नाली , 3 पशुशेड , 10 सोख्ता , 8 चकरोड व 20 मेढ़बंधी कार्य मे 5 चकरोड , 19 मेढ़बंधी का जहां भौतिक सत्यापन नही हुआ वहीं 2 पशुशेड के भौतिक सत्यापन मे कोई पशु दिखाई नही दिया । यही नही रोजगार सेवक के सेवन रजिस्टर मे एक भी रजिस्टर उपलब्ध न होने की दशा मे 100 दिन के रोजगार मे 22 श्रमिकों सहित 80 से 98 मानव दिवस सृजन के 35 श्रमिकों सहित 499 सक्रिय मनरेगा मजदूरों का सत्यापन नही हो सका ।
इसी क्रम मे ग्राम पंचायत नारायनपुर मे 40 लाख 80 हजार 535 रूपये की व्यय राशि मे 39 परियोजनाओं मे 4 पोखरा , 2 नाला खुदाई सहित 16 चकरोडो मे 12 चकरोड व 14 मेढ़बंधी का भौतिक सत्यापन नही हो सका ।
यही नही सोशल आडिट के मूल उद्देश्य के तहत वर्षो से आयोजित हो रहे सोशल आडिट का कोई प्रभाव भी दिखाई नही दे रहा है । उक्त दोनो ग्राम पंचायतो मे सेवन रजिस्टर का कोई रजिस्टर उपलब्ध नही हो सका । जिससे सोशल आडिट की विश्वसनीयता औपचारिकता के हवाले दिखाई दे रहा है ।