संत कबीर नगर - नगर पंचायत बेलहर कला के वार्ड नम्बर 2 के मटहा में चल रहे सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा के विश्राम दिवस गुरुवार को भगवान श्री कृष्ण-सुदामा का प्रसंग सुना कर खत्म किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की ओर से जयकारे लगाते हुए पुष्प वर्षा भी की गई। वृन्दावन धाम से पधारे कथा वाचक श्री आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा श्रद्धालुओं को कथा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि श्री कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता आज कहां है ?
द्वारपाल के मुख से पूछत दीनदयाल के धाम, बतावत आपन नाम सुदामा सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने राजमहल के द्वार पर पहुंच गए। यह सब देख वहां लोग यह समझ ही नहीं पाए कि आखिर सुदामा में ऐसा क्या है जो भगवान दौड़े-दौड़े चले आए। बचपन के मित्र को गले लगाकर भगवान श्रीकृष्ण उन्हें राजमहल के अंदर ले गए और अपने सिंहासन पर बैठाकर स्वयं अपने हाथों से उनके पांव पखारे। कहा कि सुदामा से भगवान ने मित्रता का धर्म निभाया और दुनिया के सामने यह संदेश दिया कि जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। राजा हो या रंक मित्रता में सभी समान हैं और इसमें कोई भेदभाव नहीं होता। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं ।इसके श्रवण मात्र से ही व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। वहीं अन्य ग्रन्थ मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती हैं और श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को मरना सिखाती है,जीवन में जीने के बाद कैसी मृत्यु हो श्री शुकदेव भगवान ने महाराज परीक्षित को भागवत का उपदेश देकर उन्हें तक्षक सर्प के काटने से पहले ही भागवत ज्ञान के द्वारा मुक्त कर दिए थे। उन्होंने नवयुग सवारने की कथा श्रीमद भागवत का सार सहित अन्य कथाओं के बारे में विस्तार से श्रद्धालुओं को बताया। इस दौरान सजीव झांकियां भी सजाई गई, श्रद्धालुओं को धार्मिक भजनों पर नृत्य करते व जयकारे लगाते हुए भी देखा गया जिससे पूरा माहौल धर्ममय हो गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से बालकृष्ण राय व रामकृष्ण राय अभिषेक राय,टोनी राय,विजय राय,नर्वदा राय,टुनटुन राय,दीपांशु मिश्रा,प्रेम नारायण राय,सचिदानंद राय,अनिल राय सहित तमाम लोग मौजूद रहे।