रोजगार सेवक बना प्रधान प्रतिनिधि ,बिना अभिलेख के हुआ सोशल ऑडिट


संत कबीर नगर (सांथा)- सोशल आडिट के माध्यम से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार जहां ग्राम पंचायतवार पीएम आवास एवं मनरेगा के तहत हुए विकास कार्यों का ऑडिट करवा रही है । वहीं जनपद संत कबीर नगर के विकास खंड बघौली के कोऑर्डिनेटर अखिलेश कुमार शर्मा द्वारा सोशल ऑडिट का माखौल उड़ानें में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है ! बिना अभिलेख एवं किसी भी परियोजनाओं पर ग्रामीणों से चर्चा किये बगैर ही सोशल ऑडिट करना इनकी फितरत बन गई है ! जिससे सोशल ऑडिट के मूल उद्देश्य पारदर्शिता , सहभागिता एवं जवाबदेही प्रभावित होता नजर आ रहा है। उल्लेखनीय कि जिले के विकास खंड सांथा अंतर्गत ग्राम पंचायत पसनारा में सामाजिक अंकेक्षण का आयोजन किया गया । जहां पर ग्राम प्रधान एवं सोशल आडिट टीम कॉर्डिनेटर के मिली भगत से ग्राम प्रधान के चंद चहेतो के बीच  बिना अभिलेख के ही कागजी कोरम पुरा कर सोशल आडिट टीम नौ दो ग्यारह हो गई। ग्राम पंचायत पसनारा में 45 लाख 13 हजार 853 रूपए की व्यय राशि में कुल 27 परियोजनाओं के आडिट में पंजीकृत 242 श्रमिकों के सापेक्ष सक्रिय 148 मनरेगा मजदूरों में सृजित 5032 मानव दिवस एवं 8 पीएम आवास का आडिट बिना किसी भी परियोजना के अभिलेख एवं किसी भी परियोजनाओं पर ग्रामीणो से चर्चा किए बगैर ही प्रधान एवं कोआर्डिनेर के मिली भगत से सोशल ऑडिट का वारा-न्यारा करा दिया गया। अभिलेख उपलब्ध होगा भी क्यों जब रोजगार सेवक ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हैं तथा सारे कार्य स्वयं करते है। सोशल आडिट में सचिव एवं टीए अनुपस्थित रहे वहीं ग्रामीणों ने भी सोशल ऑडिट बैठक में आना उचित नहीं समझा।

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